मंथली रिव्यू पत्रिका में पिछले 50 वर्षों के दौरान प्रकाशित लेखों का यह संग्रह ‘‘हिस्ट्री ऐज इट हैपेन्ड’’ का हिन्दी अनुवाद है । 1949 से आज तक लगभग 6 दशक की अपनी यात्रा में इसने विश्व इतिहास की भारी उतार-चढ़ाव और उथल-पुथल भरी घटनाओं को देखा- शीत युद्ध का आरम्भ और अंत, तीसरी दुनिया के देशों की जनता का उपनिवेशवाद, नवउपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद, नस्लवाद, जियोनवाद और हर तरह के शोषण-उत्पीड़न के विरुद्ध संघर्ष, समाजवाद और राष्ट्रीय मुक्ति संघर्ष के कार्यभारों को पूरा करने के प्रयास, सोवियत संघ और युगोस्लाविया का विघटन, समाजवादी धारा का सामयिक रूप से पीछे हटना, राष्ट्रीय मुक्ति की धारा का साम्राज्यवाद के आगे आत्मसमर्पण और पूँजीवाद विश्व व्यवस्था का असमाधेय संकट।
यह पुस्तक एक ऐसी विचारधारा से पाठको का परिचय कराएगी जो आलोचनात्मक नजरिया अपनाते हुए भी समाजवादी विचारो के प्रति अपनी आस्था को बनाये रखती है। यह पुस्तक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण कि दुनिया नये- नये मुद्दों और संकटों का सामना कर रही है, उन पर पकड़ हासिल करने के लिए मार्क्सवादी दृष्टिकोण के साथ सृजनात्मक ढंग से प्रयास किया गया है। यह वैकल्पिक आवाज को सुनने का अवसर प्रदान करती है।
लेखों का एक अन्य गुच्छा समाजवादी परिप्रेक्ष्य के साथ नये मुददों और रूझानों को समझने के लिये मंथली रिव्यू द्वारा किये गये प्रयासों का प्रमाण हैं । महिलाओं की मुक्ति, धर्म और साथ ही क्रान्तिकारी धर्मशास्त्र, नशीले पदार्थ, पर्यावरण, प्रकृति और विज्ञान या वित्तीय पूँजी की बढ़त के बारे में लेख इसी श्रेणी में आते हैं ।
लेखों का एक तीसरा समूह एक खास ऐतिहासिक मोड़ पर घटित महत्त्वपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय घटनाओं को समेटती है तथा मुक्ति संघर्षों और प्रगतिशील आन्दोलनों को, आलोचनात्मक दृष्टि से ही सही, रेखांकित करता है ।
समीक्षक - एम.एम. चन्द्रा
आई.एस.बी.एन - 81-87772-32-8 (पेपरबैक संस्करण)
विषय - इतिहास
संस्करण - प्रथम
वर्ष - 2014
प्रकाशक - गार्गी प्रकाशन
कीमत - 150 रुपये
विषय - इतिहास
संस्करण - प्रथम
वर्ष - 2014
प्रकाशक - गार्गी प्रकाशन
कीमत - 150 रुपये
पृष्ठ सं. -364
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