लेखिका ज्योति जैन ने स्त्री विमर्श के आधुनिक बोध और समकालीन यथार्थ को सेतु संग्रह में बेहतर तरीके से लिखा है । और यही बात को लेखिका ने सेतु के माध्यम से समझाई भी है-साहित्य रचनेवाला किसी भी क्षेत्र या भाषा का हो, उसका साहित्य उसके व् पाठकों के बीच सेतु का काम करता है ।"कहानियाँ कुल मिलकर 21 है जो विभिन्न विषयों के जरिये वैचारिक ऊर्जा समाहित करती है और यही सेतु की खासियत है ।
"सेतु" कहानी में रिश्तों और भाषा को जोड़नेमें सेतु का महत्व बताया -"सेतु चाहे बड़ा हो या छोटा ,जोड़ने का ही काम करता है । किनारे दूर रहकर भी साथ रहते है ।"छोड़ी हुई" में विडंबना ,व्यथा के संग " छोड़ी हुई " बेइज्जती भरे तानो को झेलती स्त्री में सहनशीलता की और इशारा किया है । शायद , छोड़ी हुई जैसे शब्द भरे बाणों पर अंकुश लगाना भी कहानी का मूल उदेश्य रहा हो। " इफ यू लव समबडी " कहानी में प्रेम की अभिव्यक्ति को कुछ यू निखारा है -" प्रेम कुर्बानी नहीं माँगता ,हमेशा जीना ही सिखाता है । प्रेम जिंदगी का पर्याय है "मानव जीवन ईश्वर का दिया सबसे खूबसूरत उपहार,इसे यूँ नष्ट कर उसका अपमान न करों । जीवन को महसूस करो ,उसे भरपूर जियो और जिन्दादिली से जियो " "पारस" कहानी में शिक्षा की अभिलाषा व् देह व्यापार से मुक्ति की बात रखी -' क्या यहाँ कोई स्कूल नहीं है ?" वो बोले जा रही थी ,"क्या तुम्हे नहीं लगता कि इस अँधेरे माहोल में शिक्षा का उजाला होना जरुरी है ।""स्कूल तो कब्बी गई नहीं मैडम । टीवी ,पिक्चर में ही देखा है बस । "इस धन्धे को छोड़ना चाहती है ,छोड़ भी रही है । चार अक्षर बाचना चाहती है । हम धीरे -धीरे ही सही पर बढ़ रहे है । देह व्यापार के उन्मूलन व् शिक्षा प्राप्ति कहानी संदेश परक रही । ज्योति जैन की कल्पनाशीलता ,शब्दों की गहराई से जीवन के कटु सत्यो का चित्रण अन्य कहानियो में बखूबी किया और सम्मानजनक जीने की प्रेरणा स्त्री पक्ष को दी । " सेतु" संग्रह कहानी जगत में अपनी पहचान अवश्य स्थापित करेगा व साहित्य उपासकों,फिल्म जगत , टी वी सीरियलों में विषय वस्तु की मांग कहानी के शौकीनों के लिए मददगार साबित होगा । ज्योति जैन को सेतु कहानी संग्रह के लिए हार्दिक बधाई ।
कहानी संग्रह -सेतु
लेखिका -ज्योति जैन
मूल्य 240 /-
प्रकाशक -दिशा प्रकाशन 158/16 त्रिनगर दिल्ली 110035
समीक्षक -संजय वर्मा "दृष्टि "
125 ,शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार (म प्र )
9893070756
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