tag:blogger.com,1999:blog-3034772142205181903.post873737786660596006..comments2023-05-21T08:52:24.128-07:00Comments on पुस्तक समीक्षा : इश्क तुम्हें हो जायेगा : समीक्षक - वंदना गुप्ताAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/07291449173090553511noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3034772142205181903.post-44248308881795814142015-09-30T05:57:50.338-07:002015-09-30T05:57:50.338-07:00मेरे जैसे बन जाओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा.... ...मेरे जैसे बन जाओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा.... दृष्टि लिखे हुए को पढ़ रही थी और नेपथ्य में कहीं ये पंक्तियाँ मधुर लहरियों की तरह कानों में बज रही थीं। रूमानी से लग रहे शीर्षक की अतुलनीय मीमांसा.... अर्थ को गहराई से बेधती और भावों को यथार्थ से संबद्ध करती शैली किसी झरने सी कलकल की तरह शुरू से अंत तक बाँधे रही। ऐसा लगा जैसे मूल संग्रह हाथों में है। हर एक पद पर बेबाक टिप्पणी एवं भावार्थ विश्लेषण वन्दना जी की विशेषता है, इस समीक्षा में उसका अप्रतिम अनुप्रयोग किया है। शब्द संयोजन अनुपमेय होने के साथ सहज, सरल व गतिमान होने से पढ़ते समय मिठास में पगा महसूस होता है। <br />अद्भुत मीमांसा जो मूल संग्रह पढ़ने की बैचेनी दे जाती है। हार्दिक बधाई एवम् अशेष शुभकामनाएँ। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12515157072176821093noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3034772142205181903.post-68624167280387609102015-09-30T05:57:18.361-07:002015-09-30T05:57:18.361-07:00मेरे जैसे बन जाओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा.... ...मेरे जैसे बन जाओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा.... दृष्टि लिखे हुए को पढ़ रही थी और नेपथ्य में कहीं ये पंक्तियाँ मधुर लहरियों की तरह कानों में बज रही थीं। रूमानी से लग रहे शीर्षक की अतुलनीय मीमांसा.... अर्थ को गहराई से बेधती और भावों को यथार्थ से संबद्ध करती शैली किसी झरने सी कलकल की तरह शुरू से अंत तक बाँधे रही। ऐसा लगा जैसे मूल संग्रह हाथों में है। हर एक पद पर बेबाक टिप्पणी एवं भावार्थ विश्लेषण वन्दना जी की विशेषता है, इस समीक्षा में उसका अप्रतिम अनुप्रयोग किया है। शब्द संयोजन अनुपमेय होने के साथ सहज, सरल व गतिमान होने से पढ़ते समय मिठास में पगा महसूस होता है। <br />अद्भुत मीमांसा जो मूल संग्रह पढ़ने की बैचेनी दे जाती है। हार्दिक बधाई एवम् अशेष शुभकामनाएँ। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12515157072176821093noreply@blogger.com